माँ के लिए
माँ.……
तू ही स्वर्ग
तू ही स्वर
तू ही जान
तू ही मान
तू ही तितली
तू ही बाग़
तू ही रूप
मेरा स्वरुप
तू ही देवी
तू ही शांति
तू ही श्रुति
तू ही कृति
तू ही प्रगति
स्पर्श स्मृति
तू ही रानी
तू मानिनी
तू शालिनी
तू ही जीवन
तू ही सर्व
और क्या कहु तू ही माँ , मेरी सब कुछ माँ तू ही माँ
आरोही (अरु)
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